Birthday of Antariksh is a very special day for us. I always try to do something different for him. Be it making cartoon figure for decorations when he was a small kid, writing poem or making a audio file. This year the situation was different. Manish expired a week back and Corona is playing havoc in every ones life. Penned a different poem and birthday wish for Antariksh who is at Mountain View.
Sunday, April 26, 2020
कोरोना - कैसा है ये खेल
मन में उठ रहे बवंडर,
कैसा हो गया है यह मंजर,
कोरोना ये कैसा खेला खेल,
सारा विश्व है घर के अंदर।
कैसा हो गया है यह मंजर,
कोरोना ये कैसा खेला खेल,
सारा विश्व है घर के अंदर।
अदृष्य दुश्मन और न मानने वाली जनता से,
हमारे डॉक्टर, नर्स और पुलिस लड़ रहे,
हमें तो केवल परिवार के साथ घर पर रहना है,
वह भी हम नहीं कर पा रहे।
हमारे डॉक्टर, नर्स और पुलिस लड़ रहे,
हमें तो केवल परिवार के साथ घर पर रहना है,
वह भी हम नहीं कर पा रहे।
सोचो यदि लड़ाई चल रही होती,
क्या हम घर में बंद नहीं रहते?
बत्तियां बंद कर सारी,
बंकरों में चुपचाप पड़े रहते।
क्या हम घर में बंद नहीं रहते?
बत्तियां बंद कर सारी,
बंकरों में चुपचाप पड़े रहते।
विपत्ति की घड़ियां हैं,
जो न कभी सोचा था, ऐसा हुआ है,
पूरा विश्व आज थम गया है,
खुशियों को जैसे ग्रहण लग गया है।
जो न कभी सोचा था, ऐसा हुआ है,
पूरा विश्व आज थम गया है,
खुशियों को जैसे ग्रहण लग गया है।
बिखरे हैं परिवार, मिलाने का साधन नहीं,
बढ़ती मानसिक परेशानी, का कोई समाधान नहीं,
दुख की घड़ियों में प्रत्यक्ष सहभागी नहीं,
परिजनों की अंतेष्ठी पर शामिल नहीं।
बढ़ती मानसिक परेशानी, का कोई समाधान नहीं,
दुख की घड़ियों में प्रत्यक्ष सहभागी नहीं,
परिजनों की अंतेष्ठी पर शामिल नहीं।
फिर भी निराश नहीं होना है,
नई परिस्थतियों को अपनाना है,
क्योंकि हर काली रात के बाद,
सुबह की सुनहरी किरण ने आना है।
सुबह की सुनहरी किरण ने आना है।
नई परिस्थतियों को अपनाना है,
क्योंकि हर काली रात के बाद,
सुबह की सुनहरी किरण ने आना है।
सुबह की सुनहरी किरण ने आना है।
Wednesday, March 20, 2019
Behaviour in flight
सोचा था पाएंगे एयरपोर्ट पर
कुछ पल सकून के
पर सहयात्री ऐसे निकलेंगे
सोचा भी नहीं था सपने में।
बैठने आये हवाई जहाज में
पर करतूते सिटी बस वाली।
धक्का मुक्की, लाइन तोड़ना,
और हरकते असभ्यों वाली।।
हर जगह जल्दी है,
चढ़ना भी पहले है।
उतरने की भी हड़बड़ाहट,
हवाई जहाज रुकने से पहले
खड़े होकर सामान निकालना है।
एयरहोस्टेस चिल्लाते रहे,
पर मोबाइल पर बातें करना है।
सीट बेल्ट सिग्नल रहने पर भी
उठ कर टॉयलेट जाना है।
दूसरे की सीट पर अधिकार से बैठना है,
जोर जोर से दस सीट पीछे
परिवार वाले से बात करना है।
पूरा व्यापार वहीं करना है,
बच्चों को तो क्या कहें,
जब मां बाप ही निराले हो
सामान ऊपर से निकालने की क्या जल्दी,
जब बेल्ट पर बाकी सामान आना हो।
कब सीखेंगे हम, सभ्यता का पाठ
क्यों नहीं होता दूसरों की असुविधा का आभास
वह दिन दूर नहीं जब हवाई जहाज में मूंगफली खाई जाएगी
और छिलके बड़ी आसानी से सीट के नीचे फेके जाएंगे।
कुछ पल सकून के
पर सहयात्री ऐसे निकलेंगे
सोचा भी नहीं था सपने में।
बैठने आये हवाई जहाज में
पर करतूते सिटी बस वाली।
धक्का मुक्की, लाइन तोड़ना,
और हरकते असभ्यों वाली।।
हर जगह जल्दी है,
चढ़ना भी पहले है।
उतरने की भी हड़बड़ाहट,
हवाई जहाज रुकने से पहले
खड़े होकर सामान निकालना है।
एयरहोस्टेस चिल्लाते रहे,
पर मोबाइल पर बातें करना है।
सीट बेल्ट सिग्नल रहने पर भी
उठ कर टॉयलेट जाना है।
दूसरे की सीट पर अधिकार से बैठना है,
जोर जोर से दस सीट पीछे
परिवार वाले से बात करना है।
पूरा व्यापार वहीं करना है,
बच्चों को तो क्या कहें,
जब मां बाप ही निराले हो
सामान ऊपर से निकालने की क्या जल्दी,
जब बेल्ट पर बाकी सामान आना हो।
कब सीखेंगे हम, सभ्यता का पाठ
क्यों नहीं होता दूसरों की असुविधा का आभास
वह दिन दूर नहीं जब हवाई जहाज में मूंगफली खाई जाएगी
और छिलके बड़ी आसानी से सीट के नीचे फेके जाएंगे।
Tuesday, April 24, 2018
Happy Birthday Antariksh 25th April 2018
है सब से अलग, है सब से न्यारा।
बहुत कठिन है, उसकी बातें समझना,
बार बार गूगल चाचा से, पड़ता है पूछना।।
कई शौक हैं उसके, हर पल बदलते रहते हैं,
नयी नयी बातों में विचार उलझे सुलझे रहते हैं।
रहता है व्यस्त, पर समय निकाल लेता है,
कभी लिखता, कभी पढ़ता, कभी
थीम फोटोग्राफी करता है।।
कभी अकेले, कभी दोस्तों के साथ,
लगा है अमेरिका के नेशनल पार्क घूमने में।
नया नया है शौक अभी,
और लगा है, बर्ड वाचिंग करने में।।
कुकिंग
का तो शौक पुराना,
सब कुछ बना लेता है।
सभी तरह से है स्वतंत्र,
जीवन के मजे लेता है।।
आशीर्वाद है हम सबका,
कामयाबी उसके कदम चूमे।
रखे बड़ों का मान सदा,
रहे खुशहाल और करे मजा॥
जन्मदिन है आज उसका,
है वो हम सब से दूर।
पर
जहां रहे, रहे वो सुख से,
परेशानी रहे उससे दूर।।
जन्मदिन अभिनंदन
अन्तरिक्ष अवर सन
राजश्री – विनोद
(25th अप्रैल, 2018)
Thursday, December 21, 2017
Aai - Baba Anniversary 2017 - 55 years
हमेशा आपस में झगड़ते हो,
पर एक दूसरे की चिंता करते हो,
55 वर्षों का साथ आपका,
हमें राह दिखाते हो।
उम्र के इस पड़ाव पर,
भले ही आप झूझ रहे हो,
पर आत्मनिर्भरता का पाठ,
हम सबको सिखा रहे हो।
शादी की इस सालगिरह पर,
है आप दोनों का चरण स्पर्श,
आप रहे स्वस्थ्य और सानंद सदा,
और रहें हमारा आदर्श।
राजश्री, विनोद, अन्तरिक्ष, मनीष
Friday, November 24, 2017
सोनू तोमर और प्रतिभा सिंह की सगाई के अवसर पर लिखी कविता
सोनू तोमर और प्रतिभा सिंह की सगाई के अवसर पर लिखी कविता
प्रतिभा और सोनू
की है आज सगाई,
चले सभी मिलकर दें, आशीर्वाद और बधाई।
इस खुशी के अवसर पर, सुने मेरी जुबानी,
इन दोनों के चार वर्षों के प्यार की कहानी।
राकेश और
सुनीता की लाड़ली, आई हैदराबाद में,
करने प्रोजेक्ट एनआरएससी में।
सोनू ने देखा और हो गया प्यार,
छुप छुप कर देखता रहा पर कर न पाया इकरार।
मध्यस्थी बना एक दोस्त, मिलवाया लाइब्ररी में,
मुलाखाते
होने लगी, पेड़ों की छाव में।
खिलने लगी अब इनके, प्यार की कली,
घूमने लगे ये दोनों, इस गली, उस गली।
सबेरे
तीन बजे, सोनू ने मांगा, प्रतिभा का हाथ,
नेकलेस रोड पर देखा फिर सुबह का सूरज साथ साथ।
साथ जीने,
मरने की कसमें खाई, राजा की इस बहना ने,
सभी ने सहायता की,
पापा जी को मनाने में।
जब प्यार सच्चा हो, मंजिल तो मिलती ही है,
जिंदगी तो इसी के भरोसे ही चलती है।
दोनों ने पाया भाई दीपक और भाभी प्रीति की प्रीत,
लो आ गया आज का दिन, दिखाने प्यार की जीत।
साथ रहना है, साथ निभाना है,
जिंदगी
में हर दम मुस्कराना है।
प्रियतम और प्रियतमा से पति और पत्नी बनने पर,
न कुछ बदलना है, और प्यार से जीना है।
विनोद और राजश्री यह कहते हैं आज,
खुश रहो सदा,
यह है हमारा आशीर्वाद।
सगाई के अवसर पर चलो गाते हैं सब,
मिलकर हँगामा करते हैं अब। राजश्री
बोथले
18
नवंबर,
2017
कौमी एकता सप्ताह पर कविता
कौमी एकता सप्ताह
कौमी एकता सप्ताह के अंतर्गत मनाने वाले कार्यक्रम के बारे में
यदि हम पढे तो पाएंगे कि इसके अंतर्गत 7 दिनों
में निम्न दिन मनाने का प्रावधान है:
·
Welfare of Minorities Day on 20th of November. अल्पसंख्यक कल्याण
दिवस
·
Linguistic Harmony Day on 21st of
November. भाषाई सद्भाव दिवस
·
Weaker Sections Day on 22nd of
November. कमजोर वर्ग दिवस
·
Cultural Unity Day on 23rd of
November. सांस्कृतिक एकता दिवस
·
Conservation Day on 25th of
November. संरक्षण दिवस
इस अवसर पर एक घंटे में लिखी कविता यहाँ प्रस्तुत है:
अनेकता में एकता, है हिन्द की विशेषता
आए मनाए सब मिलकर, यह सप्ताह कौमी एकता
संख्या से क्या लेना है, जब एक अकेला पथ दिखलाए।
या हो गांधी, या हो अंबेडकर, सभी साथ उनके चलते जाए।
हिम्मत नहीं हारे कभी हम, तूफान कई हम पर मंडराये
धरती डोली, आतंक भी बोला, पर साहस हमारा छीन न पाये।
कोस कोस पर पानी बदले, चार कोस पर वाणी।
जब है देश विविधता वाला, तो क्यों करें हम मनमानी।
29 राज्यों में बोली जाती, 22 भाषाएँ विहंगम हैं।
भारत देश विशाल मेरा, कई तरह के संगम हैं।
भाषाएँ नहीं अकेली, आती हैं
परिवारों से।
अपनी पहचान लेकर आती, इतिहास और
संस्कृति के गलियारों से॥
संस्कृति सिखलाती है, सभी का करना आदर,
फिर क्यों करते हैं, हम किसी की भावनाओं का अनादर।
सभी रहे अपने दायरे में, न रहे किसी को किसी का डर,
I request you, Lets all be one and together
Keep the cast, colour aside,
Keep the creed & gender aside,
Humanity is what, we abide,
Lets be together, enjoy the common ride.
कमजोर न समझे कोई खुद को, सबको एक मिला हक है,
न्याय सभी को एक बराबर, गौरव से जीने का अधिकार है।
पुरुष हो या नारी, सभी एक नियम के अधिकारी,
फिर क्यों जाती कहलाती है, नारी एक अबला और बेचारी?
नारी तू कमजोर नहीं, शक्ति का नाम ही नारी है,
माँ की ममता, बहन का स्नेह,
और पत्नी का प्यार देने वाली है।
Be it resources or nature, Lets come together and pledge,
Be it language or culture, We have
to save our heritage
Its not the week which needs celebration,
The legendry is to be passed to next
generation
Join me in saying, we all are one,
जय हिन्द, जय भारत, जन गण मन।
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