जन्मदिवस के अवसर पर अक्सर यह होता है कि 1990 का वह दिन आँखों के सामने से गुजर जाता है। पुरानी यादें ताजा हो जाती हैं। बच्चे का जन्मदिवस माँ बाप के लिए बहुत मायने रखता है। उनके लिए यह दिन किसी पर्व से कम नहीं।
अन्तरिक्ष का हर जन्मदिन बड़ी धूम धाम से मनाया गया। अन्तरिक्ष, अपनी नानी के साथ जोधपुर आ जाता था। बड़ी पार्टी होती थी। हर पार्टी की एक खासियत थी, पानी पूरी का ठेला। सफ़ेद रसगुल्ला भी हर वर्ष रहता था। बच्चों के लिए खेल रहते थे। कुछ वर्ष तो करीबन 200 लोग हो जाने के कारण दो दिन पार्टी करनी पड़ी। एक पार्टी में इतनी लस्सी थी कि उसके बाद एक साल तक लस्सी नहीं पी मैंने और विनोद ने। पार्टी के बाद रात बारह बजे तक सफाई अभियान चलता था।
यह पहली बार है जब अन्तरिक्ष के साथ हम नहीं हैं। आईआईटी में पढ़ते समय भी तीन साल बराबर 25 अप्रैल को अन्तरिक्ष घर पहुंचा था। एक बार मैं और एक साल विनोद सबेरे सबेरे अन्तरिक्ष की पसंद का खाना बना कर बॉम्बे पहुंचे थे। केक, आम रस, सब्जियाँ, पूरी और भी बहुत कुछ। पिछली साल मैं बॉम्बे में शाम को पहुंची और रात को अन्तरिक्ष के कुछ दोस्त सर्प्राइज़ देकर पहुंचे। वैसे अनसूया ने मुझे पहले से बता दिया था। बहुत मजा आया। इस वर्ष का जन्मदिन वह सीएटल में मनाएगा। वैसे चिंता नहीं क्योंकि उसके कई दोस्त वहाँ हैं और मुझे आशा है कि वे जरूर कुछ न कुछ करेंगे।
एक जन्मदिन पर (शायद पहले या दूसरे ) अन्तरिक्ष जब सबेरे उठा तो बिस्तर पर उसने हमने लाये हुये सारे गिफ्ट देखे। उस समय उसके चेहरे पर आई खुशी देखने लायक थी। सभी गिफ्ट्स हमें सही तरीके से पैक करके देने पड़ते थे। खुले गिफ्ट उसे कभी पसंद नहीं आए जब वो छोटा था। अभी का पता नहीं।
बचपन की बहुत सारी बातें उमड़ उमड़ कर जन्मदिवस के दिन सामने आ जाती हैं।
अन्तरिक्ष का हर जन्मदिन बड़ी धूम धाम से मनाया गया। अन्तरिक्ष, अपनी नानी के साथ जोधपुर आ जाता था। बड़ी पार्टी होती थी। हर पार्टी की एक खासियत थी, पानी पूरी का ठेला। सफ़ेद रसगुल्ला भी हर वर्ष रहता था। बच्चों के लिए खेल रहते थे। कुछ वर्ष तो करीबन 200 लोग हो जाने के कारण दो दिन पार्टी करनी पड़ी। एक पार्टी में इतनी लस्सी थी कि उसके बाद एक साल तक लस्सी नहीं पी मैंने और विनोद ने। पार्टी के बाद रात बारह बजे तक सफाई अभियान चलता था।
यह पहली बार है जब अन्तरिक्ष के साथ हम नहीं हैं। आईआईटी में पढ़ते समय भी तीन साल बराबर 25 अप्रैल को अन्तरिक्ष घर पहुंचा था। एक बार मैं और एक साल विनोद सबेरे सबेरे अन्तरिक्ष की पसंद का खाना बना कर बॉम्बे पहुंचे थे। केक, आम रस, सब्जियाँ, पूरी और भी बहुत कुछ। पिछली साल मैं बॉम्बे में शाम को पहुंची और रात को अन्तरिक्ष के कुछ दोस्त सर्प्राइज़ देकर पहुंचे। वैसे अनसूया ने मुझे पहले से बता दिया था। बहुत मजा आया। इस वर्ष का जन्मदिन वह सीएटल में मनाएगा। वैसे चिंता नहीं क्योंकि उसके कई दोस्त वहाँ हैं और मुझे आशा है कि वे जरूर कुछ न कुछ करेंगे।
एक जन्मदिन पर (शायद पहले या दूसरे ) अन्तरिक्ष जब सबेरे उठा तो बिस्तर पर उसने हमने लाये हुये सारे गिफ्ट देखे। उस समय उसके चेहरे पर आई खुशी देखने लायक थी। सभी गिफ्ट्स हमें सही तरीके से पैक करके देने पड़ते थे। खुले गिफ्ट उसे कभी पसंद नहीं आए जब वो छोटा था। अभी का पता नहीं।
बचपन की बहुत सारी बातें उमड़ उमड़ कर जन्मदिवस के दिन सामने आ जाती हैं।
1 comment:
This was very sweet :)
Thanks for putting this down. I also remember the paani pooris very well.
We used to set up a stall in the lawn, on the side, right?
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