आइए सुने 35 वे
अभियान दल के समर टीम की कहानी
अंटार्कटिका में रहने की चिट्ठी, अब मेरी
जुबानी ।
याद है वह दिन, जब पहुंचे
थे नोवो पर
झण्डा लगी पिस्टन
बुली, खड़ी थी स्वागत पर।
बर्फीली ठंडी हवाएँ
सर सर करती रही
मैत्री से भारती
की फ्लाइट, आज से कल पर टलती रही।
पहुंचे भारती, व्हाइट
आउट कंडिशन में,
स्लोप से जाकर, समुद्री
रास्ते में
देखा सुंदर सा
स्टेशन, मिले औली के साथी
डेढ़ महिना बिताया
वहाँ, सभी बने संगी साथी
भूलूँगी नहीं वह
दिन, जब मिले थे दो पैंगविन
ली सेल्फी और खूब
फोटो, दिल हुआ गार्डन गार्डन
हुयी बिदाई, लिया समारोप
सभी से
पर भारती से निकाल
कर मैत्री में अटके
मैत्री में मित्र
मिले, ब्लिजार्ड में कैमरे निकले
शेल्फ पर जाना, ठंड में
काम करना
75 नॉट की
हवा में गैली ड्यूटि करना
भूलेंगे नहीं ये
दिन, रहेगा मन में विचार
निकलेंगे कल घर
के लिए, लेकर सबका समाचार
मौका मिलने पर
आएंगे कई बार
तब तक के लिए सबको
मेरा प्यार भरा नमस्कार
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