आज हिन्दी पखवाड़ा के समापन के अवसर पर, आइए हम जाने भाषाएँ और उनके परिवार के बारे में। जैसे हम अकेले नहीं, वरन परिवारों से आते हैं, वैसे ही भाषाएँ भी
परिवारों से आती हैं।
भारत देश विशाल मेरा, कई तरह के संगम हैं।
29 राज्यों में बोली जाती, 22
भाषाएँ विहंगम हैं।।
भाषाएँ नहीं अकेली, आती हैं परिवारों से।
अपनी पहचान लेकर आती,
इतिहास और संस्कृति के गलियारों से॥
मुख्य भाषा परिवार यहाँ के,
इंडो आर्यन, द्रविडियन।
बाकी भाषाओं का परिवार,
एस्ट्रो आशियाटिक, सिनो
तिबेटन॥
आइए जाने हम सबसे पहले इंडो आर्यन परिवार के
बारे में। स्वप्ना, क्यों नहीं तुम सुर में बताती कि इंडो आर्यन परिवार क्या है?
इंडो आर्यन है, महाद्वीप
का परिवार,
90 करोड़ बोले, बड़ा है
इसका आकार
राजस्थान, भोजपुरी, सिंधी, सिंहला, नेपाली।
हिन्दी, पंजाबी, मराठी, बंगाली,
गुजराती, ओडिया और है
नेपाली
इंडो आर्यन है, महाद्वीप
का परिवार,
कुछ भाषा और लिपि के बारे में तो भी बताओ ....
संस्कृत में पुत्री बनती, गुजराती
में छोकड़ी,
मुलगी, बेटी,
कुड़ी, मेए, कूर,
राजस्थानी में छोरी
देवनागरी में सिंधी, अशोक की ब्राह्मी से बंगला,
तिरहुता से लिखी मैथिली, ये लिपी का
क्या कहना॥
संस्कृत में पुत्री बनती, गुजराती
में छोकड़ी,
संस्कृत में पुत्री बनती, गुजराती में
छोकड़ी,
बहुत बढ़िया स्वप्ना, सुर ताल में कही बात कितनी अच्छी तरह से सब तक पहुँच जाती है। तभी तो
गीतों की रचना की जाती है और गायक उन गीतों को गाते हैं। अब बात करते हैं
द्रविडियन भाषा परिवार की।
दक्षिण भारत, श्रीलंका, नेपाल और
भूटान,
अफगान, बांगलादेश और दक्षिण –पश्चिम पाकिस्तान।
तमिल, तेलुगू, कन्नड और
मलयालम है भाषाएँ जिसकी,
वो है द्रविडियन, दूसरा भाषा परिवार ॥
स्वप्ना, द्रविडियन भाषा परिवार की मुख्य
भाषाओं के बारे में अब तुम बताओ।
मलयालम में नालु है तो, तमिल में है
नंकू।
तेलुगू में जो है नालुगु, और कन्नड
में नाल्कु॥
संस्कृत में जो चतुर, हिन्दी में कहलाता चार
बोली चाहे हो अलग पर है समान आचार विचार॥
मलयालम में नालु है तो, तमिल में
है नंकू।
अब हम बात करते हैं, सीनो टीबेटन भाषा की।
चीन, बर्मा और तिब्बत की भाषा,
सिंटिक और तिबेटो बर्मन जिसकी शाखा।
ट्रांस हिमालय में बोली जाती, लोग हैं इसके कई हज़ार,
वो है सिनो टीबेटन, तीसरा भाषा परिवार॥
स्वप्ना - भारत की कुल कितनी भाषा हैं, madam ?
भारत के संविधान के अनुसार भारत की 22 भाषाएँ हैं, आइए उनका नाम जाने। तुम ही पढ़ दो सबका नाम
आसामी, बंगाली, बोड़ो, मैथिली और डोगरी,
गुजराती, कन्नड,
कोंकणी, मलयालम और कश्मीरी।
मराठी, नेपाली, ओडिया, मणिपुरी और उर्दू,
पंजाबी, संथाली, सिंधी, तमिल और तेलुगू॥
स्वप्ना - पर ये तो बीस हैं? बाकी दो
भाषाएँ कौनसी हैं? सही पकड़ा स्वप्ना। मैं बताती हूँ दो
भाषाओं के बारे में।
कई भाषाओं की जननी,
है भारत की शास्त्रीय भाषा।
जिसे मिलता धार्मिक मान,
वह है, संस्कृत, ब्रह्मा जी का वरदान॥
भारत के विशाल ललाट पर,
सदियों से अंकित रहने वाली
इसके बारे में क्या कहें,
यह भारत की राजभाषा हिन्दी है॥
तुम कुछ कहो स्वप्ना, इन सब के बारे में
रंग रूप हैं अलग, भाषाएँ अनेक हैं,
हिन्द देश के निवासी, सभी जन एक हैं।
रंग रूप हैं अलग, भाषाएँ अनेक हैं,
हिन्द देश के निवासी, सभी जन एक हैं।
कई धर्म, कई राज्य, फिर भी भारत एक है
कई बोली, कई भाषा, राजभाषा एक है.
राजभाषा का हमेशा मान होना चाहिए
राजभाषा में ही सारे काम होने चाहिए
कई बोली, कई भाषा, राजभाषा एक है.
राजभाषा का हमेशा मान होना चाहिए
राजभाषा में ही सारे काम होने चाहिए
धन्यवाद
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